Update: Tuesday, February 18, 2020 @ 10:18 PM प्रश्न 1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए। (H.P. 2013, Set-A) उत्तर-अवतल दर्पण का मुख्य फोकस, मुख्य अक्ष पर एक ऐसा बिंदु है जहाँ पर दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर काश किरण, परावर्तन के पश्चात् मिलती है। इसे ‘F’ से दर्शाते हैं। प्रश्न 2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी? (H.P. 2009, Set-A) उत्तर- यहां- R = 20 cm, f = ? f =R/2 = 20/2=10 cm प्रश्न 3. उस दर्पण का नाम बताइए जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके? (H.P. 2009, Set-C 2014 Set-A) उत्तर-अवतल दर्पण। प्रश्न 4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं? (H.P. 2011, Set-C 2012 Set-A) उत्तर-उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यत: वाहनों के पश्च-दृश्य दर्पणों के रूप में करते हैं। इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकें। उत्तल दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा, प्रतिबिंब बनाते हैं लेकिन वह छोटा होता है। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े से को देखने में समर्थ बनाते हैं। इसलिए वे बेहतर हैं। प्रश्न– प्रश्न 1. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32 cm है? (H.P. 2009, Set-C, 2011, Set-A, 2012 Set-B, 2015) उत्तर- वक्रता त्रिज्या = 32 cm फोकस दूरी, = ? f = R/2 f = 32/2=16 cm प्रश्न 2. कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है? उत्तर– आवर्धन, m = -3 बिंब की दूरी, u = – 10 cm प्रतिबिंब की दूरी, v = ? m = = -v/u -3 = -v/-10 = a v=-30 cm अतः प्रतिबिंब दर्पण के आगे 30 cm की दूरी पर स्थित होगा। प्रश्न– प्रश्न 1. वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों ? उत्तर-वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है, तब वह अभिलंब की ओर झुक जाती है। यह इसलिए होता है क्योंकि वायु विरल तथा जल सघन माध्यम है तथा विरल माध्यम में प्रकाश की चाल सघन माध्यम की अपेक्षा अधिक होती है। अत: विरल माध्यम से सघन माध्यम में गमन करने वाली प्रकाश की किरण धीमी हो जाती है तथा अभिलंब की ओर झुक जाती है। प्रश्न 2. प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3×108 m/s है। उत्तर– अपवर्तनांक, n = 1.5 काँच की प्लेट में प्रकाश की चाल v = ? निर्वात में प्रकाश की चाल, C = 3×108 m/s N = c/v [v=c/n=3×108/1.5 = 2×108m/s प्रश्न 3. सारणी से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए। उत्तर-अधिकतम प्रकाशित घनत्व का माध्यम है हीरा क्योंकि इसका अपवर्तनांक सबसे अधिक है = 2.42 न्यूनतम प्रकाशित घनत्व का माध्यम है वायु और वायु का अपवर्तनांक सबसे कम है और वह है = 1.0003 प्रश्न 4. आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किस में प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी में दिए गए आंकड़ों का उपयोग कीजिए। उत्तर-हमें पता है कि किसी माध्यम का अपवर्तनांक होता है, n = c/v अर्थात्, n = निर्वात में प्रकाश की चाल/माध्यम में प्रकाश की चाल v = c/n अतः प्रकाश उस माध्यम में तेजी से चलेगा जिसमें उसका अपवर्तनांक सबसे कम है और इन तीनों में से जल का अपवर्तनांक सबसे कम है, इसलिए प्रकाश जल में सबसे अधिक तीव्र गति से चलेगा। प्रश्न 5. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है? (H.P. 2012, Set-C) उत्तर-हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है – इस कथन से अभिप्राय है कि वायु में प्रकाश की चाल तथा हीरे में प्रकाश का चाल का अनुपात 2.42 के समान होता है। प्रश्न– प्रश्न 1. किसी लैंस की ID क्षमता को परिभाषित कीजिए। अथवा लैंस की क्षमता का SI मात्रक क्या है? (H.P. 2013 Set-A) उत्तर-1D या एक डाइऑप्टर उस लैंस की क्षमता होती है जिसकी फोकस दूरी एक मीटर या 100 सेमी० होती है। प्रश्न 2. कोई उत्तल लैंस, किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब उस लैंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लैंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिंब उसी साइज़ का बन रहा है जिस साइज़ का बिंब है। लैंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए। उत्तर- प्रतिबिंब की दूरी, y = + 50 cm सुई/वस्तु की दूरी, u = ? लैंस की क्षमता, P = ? जैसे कि इसका प्रतिबिंब उसी साइज़ का बन रहा है जिसका बिंब है। इसलिए- m = h/h=v/u=-1 u = -v=-50 cm अब 1/f = 1/v-1/u=1/+50-1/-50=2/50=+1/25 या f = 25 cm = 0.25 m P=1/f = 1/+.0.25m=+4D प्रश्न 3. 2m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लैंस की क्षमता ज्ञात कीजिए। (H.P. 2015) उत्तर- P = ? फोकस दूरी, f = – 2m = – 200 cm P = 100/f[P=100/-200 P = -0.5D अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर प्रश्न 1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लैंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता? (a) जल (b) कांच (c) प्लास्टिक (d) मिट्टी। उत्तर- उपरोक्त में से मिट्टी लैंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं होती हैं क्योंकि मिट्टी पारदर्शक माध्यम नहीं है। इसलिए (d) उत्तर है। प्रश्न 2. किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब, आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए? (a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच (b) वक्रता केंद्र पर (c) वक्रता केंद्र से परे (d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच। उत्तर-किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया तो वस्तु की स्थिति होनी चाहिए दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच। इसलिए (d) सही है। प्रश्न 3. किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए, बिंब को उत्तल लैंस के सामने कहाँ रखें? (a) लैंस के मुख्य फोकस पर (b) फोकस दूरी की दो गुनी दूरी पर (c) अनंत पर (d) लैंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच। उत्तर-किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लैंस के सामने फोकस दूरी की दो गुनी दूरी पर होना चाहिए। अतः (b) सही उत्तर है। प्रश्न 4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लैंस दोनों की फोकस दूरियाँ –15 cm हैं। दर्पण तथा लेस संभवतः हैं– (a) दोनों अवतल (b) दोनों उत्तल (c) दर्पण अवतल तथा लैंस उत्तल (d) दर्पण उत्तल तथा लैंस अवतल। उत्तर-किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लैंस दोनों की फोकस दूरियां यदि 15 cm है तो दर्पण तथा लैंस दोनों अवतल होने चाहिए। अतः (a) सही उत्तर है। प्रश्न 5. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवतः दर्पण है– (a) केवल समतल (b) केवल अवतल (c) केवल उत्तल (d) या तो समतल अथवा उत्तल। उत्तर-किसी दर्पण से आप चाहे कितनी दूरी पर खड़े हों, यदि आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है तो दर्पण या तो समतल अथवा उत्तल होना चाहिए। अतः (d) सही उत्तर है। प्रश्न 6. किसी शब्दकोष (dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लैंस पसंद करेंगे? (a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लैंस (b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लैंस (c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लैंस (d) 5 cm फोकस दरी का एक अवतल लैंस। उत्तर-किसी शब्दकोष में पाए गए छोटे अक्षरों की पढ़ते समय 5 cm फोकस दूरी वाला एक उत्तल लैंस इस्तेमाल करना चाहिए। अतः (c) सही उत्तर है। प्रश्न 7. 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं। बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए। उत्तर-अवतल दर्पण में बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाने के लिए बिंब को ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच रखना चाहिए। बिंब की दर्पण से दूरी 15 cm से कम होनी चाहिए। प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा होगा। प्रतिबिंब बिंब से बड़ा होगा। प्रश्न 8. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए– (a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट) (b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण (c) सौर भट्टी। अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए। उत्तर-(a) किसी कार का अग्र-दीप अवतल दर्पण का बना होता है। वाहनों के अग्रदीपों (headlights) में प्रकाश का शक्तिशाली समांतर किरण पुंज प्राप्त करने के लिए किया जाता है। (b) उत्तल दर्पण का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च-दृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है। ये दर्पण वाहन के पाश्र्व में लगे होते हैं तथा इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सकते हैं। (c) सौर भट्टियों में सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करने के लिए बड़े अवतल दर्पणों का उपयोग किया जाता है। प्रश्न 9. किस उत्तल लैंस का आधा भाग काले कागज़ से ढक दिया गया है। क्या यह लैंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए। उत्तर-हाँ, यह एक बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना सकता है। उदाहरण के लिए यदि हम एक उत्तल लैंस में से किसी पेड़ को देखते हैं और फिर लैंस को आधा काले कागज़ से ढक देते हैं तब भी हमें पेड़ का पूरा प्रतिबिंब दिखेगा। यद्यपि प्रतिबिंब पहले से थोडा धुंधला हो सकता है। प्रश्न 10.5cm लंबा कोई बिंब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लैंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए। (H.P. 2009, Set-A) उत्तर- बिंब का साइज़, h1= 5 cm बिंब की लैंस से दूरी, u = – 25 cm फोकल दूरी, f = 10 cm प्रतिबिंब की लैंस से दूरी, v = ? प्रतिबिंब का साइज़, h2 = ? लैंस सूत्र- 1/v+1/u=1/f 1/v=1/f-1/u=1/10-1/25=5-2/50 v=50/3=16.67 cm अब v + ve है, इसलिए प्रतिबिंब वास्तविक होगा m = h2/h1 = -v/u m = h2/5 = 50/3/-25= -2/3 h2= -10/3= -3.3 cm – ve चिह्न बताता है कि यह प्रतिबिंब उल्टा होगा। प्रश्न 11. 15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लैंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लैंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिंब लैंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए। (H.P. 2011, Set-B) उत्तर– फोकस दूरी, f= – 15 cm प्रतिबिंब की लैंस से दूरी, v = – 10 cm बिंब की लैंस से दूरी, u = ? लेंस सूत्र 1/f = 1v + 1/u 1/u = 1/v – 1/f = 1/-10 + 1/15 = -3+2/30 = -1/30 u = – 30 cm प्रश्न 12. 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिंब की स्थित तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए। (H.P. 2011, Set-A) उत्तर- बिंब की लैंस से दूरी, u = – 10 cm फोकस दूरी, f=15 m प्रतिबिंब की लैंस से दूरी, v = ? सूत्र- 1/v + 1/u = 1/f 1/v = 1/f – 1/u = 1/15 + 1/10 = 2+3/30 = 5/30 = 1/6 + ve चिह्न से पता चलता है कि प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनेगा और यह प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा छोटा बनेगा। प्रश्न 13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन + 1 है। इसका क्या अर्थ है? (H.P. 2012, Set-A) उत्तर- m = h2/h1 = +1 [ h2 =h1 इससे पता चलता है कि प्रतिबिंब का साइज़ बिंब के साइज़ के समान है। अतः प्रतिबिंब सीधा तथा आभासी है। प्रश्न 14. 5.0 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज़ ज्ञात कीजिए। (H.P. 2009, Set-B) उत्तर- बिंब का साइज़, h1 = 50 cm बिंब की दर्पण से दूरी = – 20 cm वक्रता त्रिज्या, R = 30 cm प्रतिबिंब की दर्पण से दूरी, v = ? प्रतिबिंब का साइज़, h2 = ? दर्पण सूत्र- 1/v + 1/u = 1/f = 2/R 1/v = 2/R – 1/u = 2/30 + 1/20 = 4+3/60 = 7/60 v = 60/7 = 8.57 cm + ve चिहन से पता चलता है कि प्रतिबिंब दर्पण से पीछे बनेगा और वह आभासी तथा सीधा है। m = h2/h1 = v/-u h2/5.0 = -60/7/20 = 3/7 h2 = 3/7×5.0 = 15/7 = 2.1 cm अतः प्रतिबिंब का साइज़ होगा 2.1 cm. प्रश्न 15. 7.0 cm साइज़ का कोई बिंब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सकेगा। प्रतिबिंब का साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए। (H.P. 2009, Set-C) उत्तर– बिंब का साइज़, h1 = 7.0 cm बिंब की दर्पण से दूरी, u = – 27 cm फोकस दूरी = – 18 cm प्रतिबिंब की दर्पण से दूरी, v = ? दर्पण सूत्र- 1/v + 1/u = 1/f 1/v = 1/f – 1/u = 1/-18 + 1/27 = -3+2/54 = -1/54 अतः परदे को दर्पण के आगे 54 cm दूरी पर रखना चाहिए। प्रतिबिंब जो परदे पर बनेगा वह वास्तविक होगा। – ve चिह्न से पता चलता है कि प्रतिबिंब उल्टा बनेगा। प्रश्न 16. उस लैंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता – 2.0D है। यह किस प्रकार का लैंस है? (H.P. 2015) उत्तर-फोकस दूरी, f = ?, क्षमता = – 2.0D f = 100/P = f = 100/-2.0 = -50 cm – ve चिह्न बताता है कि लैंस अवतल है। प्रश्न 17. कोई डॉक्टर + 1.5D क्षमता का संशोधक लैंस निर्धारित करता है। लैंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए क्या निर्धारित लैंस अभिसारी है अथवा अपसारी? उत्तर-क्षमता, P= 1.5D f= ? f= 100/P = 100/1.5 = 66.7 cm = .67 m + ve चिह्न बताता है कि डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया गया लैंस उत्तल लैंस है। अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न (OTHER IMPORTANT QUESTIONS) दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions) प्रश्न 1. जब अनंत से अवतल दर्पण की ओर किसी वस्तु को बढ़ाया जाए तो बिंबों की स्थिति और उनकी प्रकृति स्पष्ट कीजिए। उत्तर-(i) वस्तु अनंत पर-जब कोई वस्तु अनंत पर हो तो उसका वास्तविक बिंब F पर बनता है। किरण मुख्य अक्ष के समानांतर चल कर दर्पण से टकरा कर परावर्तित होती है और F पर मिलती है। इस स्थिति में बिंब अति छोटा, वास्तविक और उल्टा बनता है। (ii) वस्तु C से परे (H.P. 2009, Set A, B)-जब वस्तु C से परे हो तो वह 2f से दूर होगी। इससे छोटा, उल्ट और वास्तविक बिंब बनेगा। (ii) वस्तु C पर- जब वस्तु C पर हो तो वह 2f पर होगी। मुख्य अक्ष के समानांतर चलने वाली किरण परावर्तनके पश्चात् F से गुज़रेगी तथा वास्तविक, उल्टा और समान आकार का बिंब बनाएगी। (iv) वस्तु F और C के बीच में (H.P. 2009, Set C)-जब वस्तु F और C के बीच में हो तो AD मुख्य अक्ष के समानांतर चल कर फोकस से गुज़रेगी। एक दूसरी किरण की सहायता से वह वास्तविक, परिवर्धित और उल्ट या बनाएगी। (v) वस्तु F पर-जब वस्तु फोकस पर हो तो मुख्य अक्ष के समानांतर चलने वाली किरण AD फोकस से गुज़रेगी। दूसरी प्रकाशीय किरण की सहायता से वह बहुत बड़ा, उल्टा और अनंत पर बिंब बनाएगी। (vi) वस्तु P और F के बीच (H.P. Model Q. Paper 2009)-जब कोई वस्तु P और F के बीच में हो तो किरण AD मुख्य अक्ष के समानांतर चल कर F से गुज़रेगी। एक अन्य किरण E से टकरा कर आभासी, सीधा और बड़ा बब बनाएगी। प्रश्न 2. अवतल दर्पण द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं की स्थिति आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइए। उत्तर– क्रम वस्तु प्रतिबिंब की प्रतिबिंब का प्रतिबिंब की संख्या की स्थिति स्थिति आकार प्रकृति
केंद्र (C) के बीच
प्रश्न 3. उत्तल दर्पण द्वारा बनाए प्रतिबिंब की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइए। उत्तर–
प्रश्न 4. उत्तल लैंस द्वारा किसी वस्तु के विभिन्न स्थानों के प्रतिबिंबों को चित्र सहित समझाओ। अथवा उत्तल लैंस दवारा बनाए गए प्रतिबिंबों का चित्रों सहित वर्णन करो– (क) जब वस्तु अनंत दूरी पर हो। (ख) जब वस्तु 2F से परे हो। (ग) जब वस्तु 2F पर हो। (घ) जब वस्तु F तथा 2F के बीच हो। (ङ) जब वस्तु F तथा वक्रता केंद्र (प्रकाशीय केंद्र) के बीच हो। उत्तर-(क) जब वस्तु अनंत दूरी पर हो-जब वस्तु उत्तल लैंस से अनंत दूरी पर होती है तो प्रकाश की किरणें मुख्य अक्ष के समानांतर लैंस पर पड़ती हैं और अपवर्तन के पश्चात् ये सभी किरणें मुख्य फोकस पर मिल जाती हैं। इस प्रकार प्रतिबिंब मुख्य फोकस F पर बनता है। यह वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार से बहुत छोटा होता है। (ख) जब वस्तु 2F से परे हो-वस्तु से प्रकाश की किरण BC मुख्य अक्ष के समानांतर चलती है और अपवर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस में से गुजरती है। दूसरी किरण प्रकाश केंद्र O में से गुज़रने पर बिना मुड़े सीधी निकल जाती है। ये दोनों किरणें F तथा 2F के बीच A पर हैं। इस प्रकार वस्तु AB का प्रतिबिंब A’B’, F तथा 2F के मध्य बनता है। यह वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार से छोटा होता है। (ग) जब वस्तु 2F पर हो-वस्तु के B सिरे से प्रकाश की किरण BC मुख्य अक्ष के समानांतर चलती है और अपवर्तन के पश्चात मख्य फोकस में से गुजरती है। प्रकाश केंद्र O में से गुजरने वाली किरण बिना मुड़े सीधी निकल जाती है। ये दोनों प्रकार की किरणें 2F तथा B’ पर मिलती हैं। इस प्रकार वस्तु का प्रतिबिंब A’B’, 2F पर बनता है। यह प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार के बराबर होता है। (घ) जब वस्तु F तथा 2F के बीच हो-वस्तु के प्रकाश की एक किरण BC मुख्य अक्ष के समानांतर चलती है और अपवर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस F में से गुज़रती है। प्रकाश केंद्र O में से गुजरने वाली किरण बिना मुड़े सीधा निकल जाती है। ये दोनों प्रकाश की किरणें 2F से परे मिलती हैं। इस प्रकार वस्तु का प्रतिबिंब 2F से परे AB पर बनता है। यह वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार से बड़ा होता है। (ङ) जब वस्तु F पर हो-इस अवस्था में वस्तु से आ रही प्रकाश की किरणें अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समानांतर हो जाती हैं। इस प्रकार वस्तु का प्रतिबिंब अनंत पर बनता है। यह वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार से बहुत बड़ा होता है। इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता। (च) जब वस्तु मुख्य फोकस F और लैंस के बीच में हो-इस अवस्था में प्रकाश की किरणें अपवर्तन के बाद नहीं मिलती। परंतु पीछे बढ़ाने पर ये किरणें ‘A’ से आती हुई प्रतीत होती हैं। इसलिए AB का प्रतिबिंब A’B’ वस्तु के पीछे उसी ओर बनता है। यह सीधा, बड़ा तथा आभासी होता है। प्रश्न 5. उत्तल लैंस द्वारा विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तुओं के प्रतिबिंब की स्थिति, आकार और प्रकृति के लिए सारणी बनाइये। उत्तर-
प्रश्न 6. गोलीय दर्पणों द्वारा परावर्तन के लिए नवीनतम चिह्न परिपाटी क्या है? उत्तर- (i) बिंब दर्पण से बाईं ओर होता है। दर्पण पर आपतित किरणें बाईं ओर से आती हैं। (ii) गोलीय दर्पण के शीर्ष को मूल बिंदु मानकर सभी दूरियां मापी जाती हैं। (iii) आपतित प्रकाश की दिशा में मापी हुई दूरी को धन राशि स्वीकार किया जाता है। (iv) आपतित प्रकाश की विपरीत दिशा में मापी गई दूरी को ऋण राशि स्वीकार किया जाता है। (v) दर्पण के मुख्य अक्ष के लंबवत् तथा X तथा XX; के ऊपर मापी गई ऊँचाई धन राशि होती है। (vi) दर्पण के मुख्य अक्ष के लंबवत् तथा X अक्ष XX’, के नीचे मापी गई ऊँचाई ऋण राशि होती है। लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions) प्रश्न 1. प्रकाश की प्रकृति की विशेषताएं लिखिए। उत्तर-( इन्हें संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। (ii) यह विद्युत् चुंबकीय तरंगों के रूप में होता है। (ii) इसकी चाल माध्यम की प्रकृति पर आधारित होती है। प्रश्न 2. प्रकाशीय किरणों की चाल परिवर्तित क्यों होती रहती है? उत्तर-प्रकाशीय किरणों की चाल माध्यम की प्रकृति के आधार पर कम या अधिक होती रहती है। निर्वात में 3×108 m/s है तो वायु में इसकी गति कुछ कम होती है। काँच, पानी आदि माध्यमों में यह और भी कम हो जाती है। प्रश्न 3. वास्तविक और आभासी प्रतिबिंब में अंतर लिखिए। उत्तर-
प्रश्न 4. माध्यम किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर-माध्यम-जिस भौतिक साधन से प्रकाश गुज़र कर हम तक पहुँचता है, उसे ‘माध्यम’ कहते हैं। यह तीन प्रकार का होता है-
प्रश्न 5. घनत्व के दृष्टिकोण से माध्यम कितने प्रकार का होता है? उत्तर-घनत्व के दृष्टिकोण से माध्यम दो प्रकार का होता है –
प्रश्न 6. विसरित परावर्तन (Diffused Reflection) से क्या तात्पर्य है? उत्तर-जब प्रकाश की किरणें ऐसे तल से टकराती हैं जो असमतल या खुरदरा होता है तो प्रकाश की किरणों का एक बड़ा भाग तल से टकराकर फैल जाता है। इसे विसरित परावर्तन कहते हैं। पुस्तक को पढ़ते, सिनेमा हॉल में सिनेमा देखते, ब्लैक बोर्ड पर लिखे शब्दों को देखते समय विसरित परावर्तन का ही प्रयोग किया जाता है। प्रश्न 7. प्रकाश की एक किरण समतल दर्पण के साथ 40° का कोण बनाती है। इसका परावर्तन कोण कितना होगा? उत्तर-प्रकाश की किरण का समतल दर्पण के साथ बना ∠ = 40° ∴ अभिलंब के साथ बना ∠ = 90° – 40° = 50° ∵ ∠i= ∠r अत: r = 50° प्रश्न 8. किसी उत्तल दर्पण के साथ बने बिंब की रचना लिखिए। इसकी उपयोगिता लिखिए। उत्तर-जब किसी उत्तल दर्पण से प्रकाश की किरणें वस्तु AB से चल कर टकराती हैं तो एक किरण मुख्य अक्ष के समांतर चलती है और D पर टकराती है और पीछे की ओर परावर्तित होती है। इस अवस्था में बिंब P और F के बीच बनता है जो दर्पण के पीछे, सीधा और आकार में छोटा होता है। वाहनों के आगे लगे उत्तल दर्पण के इसी प्रयोग के द्वारा पीछे से आने वाले वाहनों को देखा जाता है। प्रश्न 9. अवतल दर्पणों के उपयोग लिखिए। (H.P. Dec. 2008, 2011, Set-C, 2012, Set-A, 2013 Set-A, 2014 Set-C, 2015 Set-A) उत्तर-(i) बड़े आकार के अवतल दर्पणों का प्रयोग सौर ऊर्जा के लिए किया जाता है। (ii) इनका प्रयोग वाहनों की हैडलाइट्स, लैंपों, सर्च लाइट, टार्च आदि बनाने में किया जाता है। (iii) शेविंग दर्पणों को बनाने में इनका प्रयोग किया जाता है। (iv) दंत चिकित्सक तथा EN.T. विशेषज्ञ इनका रोगी का परीक्षण करने के लिए प्रयोग करते हैं। प्रश्न 10. वाहनों के पीछे के दृश्य देखने के लिए उत्तल दर्पण की उपयोगिता को स्पष्ट कीजिए। (H.P. 2011, 2012 Set-A, B, 2014 Set C, 2016 Set-A) अथवा उत्तल दर्पण का उपयोग लिखिए। उत्तर-वाहनों में चालक पीछे के दृश्यों को देखने के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग करते हैं। प्रकाश के परावर्तन में बहुत बड़ा क्षेत्र साफ़-साफ़ दिखाई देता है। प्रश्न 11. समतल दर्पण के द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताएं लिखिए। उत्तर-समतल दर्पण के द्वारा बने प्रतिबिंब की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं- (1) यह सीधा तथा आभासी होता है। (2) यह वस्तु के आकार के बराबर होता है। (3) यह दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने होती है। (4) यह पार्श्व परिवर्तित होता है। प्रश्न 12. गोलीय दर्पणों के द्वारा प्रतिबिंब बनाने के नियम लिखें। उत्तर-(1) दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर प्रकाश-किरण परावर्तन के बाद मुख्य फोकस (F) से गुज़रती है या गुज़रती हुई प्रतीत होती है। (2) दर्पण के मुख्य फोकस से गुजरने वाली प्रकाश-किरण परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है। (3) दर्पण के वक्रता केंद्र से गुजरने वाली प्रकाश-किरण दर्पण पर अभिलंबवत् पड़ती है और उसी पथ पर परावर्तित हो जाती है। (4) प्रकाश-किरणों में से दो प्रकाश-किरणें जिस जगह पर एक-दूसरे को काटती हैं, उसी स्थान पर वस्तु का प्रतिबिंब बनता है। प्रश्न 13. पार्श्व परिवर्तन किसे कहते हैं? उत्तर-प्रतिबिंब में वस्तु की दिशा-परिवर्तन को पार्श्व परिवर्तन कहते हैं। इसमें वस्तु का दायां भाग प्रतिबिंब में बायां भाग दिखाई देता है तथा उसका बायां भाग दायां भाग दिखाई देता है। प्रश्न 14. जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है, तो क्या होता है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर-जब कोई प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अभिलंब की तरफ मुड जाती है। उसका अपवर्तन कोण (r) आपतन कोण (i) से छोटा होता है। प्रश्न 15. उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर लिखिए। उत्तर–
प्रश्न 16. आप उत्तल तथा अवतल लैंस की पहचान कैसे करोगे? उत्तर–
प्रश्न 17. परावर्तन और अपवर्तन में क्या अंतर हैं? उत्तर–
प्रश्न 18. क्या कारण है कि पानी से भरे टब में तल पर रखा सिक्का हमें ऊँचा उठा हुआ प्रतीत होता है? चित्र द्वारा दर्शाओ कि प्रकाश किरणें कैसे चलती हैं? उत्तर-सिक्के का पानी में ऊपर उठा हआ प्रतीत होना-इसका कारण प्रकाश का अपवर्तन है। जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो अभिलंब से दूर हट जाती है जिसके कारण बाहर से देखने पर हमें सिक्का ऊपर उठा दिखाई देता है। प्रश्न 19. निम्नलिखित की परिभाषा लिखो– आपतित किरण, अपवर्तित किरण, आपतन कोण, अपवर्तन कोण। उत्तर-मान लो PQ वह तल है जो एक विरल माध्यम को सघन माध्यम से अलग करता है। विरल माध्यम से चलती हुई प्रकाश की एक किरण AO तल पर बिंदु O पर आपतित होती है तथा अपवर्तन के बाद सघन माध्यम बिंदु OB दिशा में चली जाती है। मान लो NON तल PQ के आपतन बिंदु O पर लंब है। इस तरह- आपतित किरण (Incident ray)-पहले माध्यम में चलती हई प्रकाश किरण OA आपतित किरण (Incident ray) कहलाती है। अपवर्तित किरण (Refracted ray)-दूसरे माध्यम में प्रवेश करने वाली किरण को अपवर्तित किरण (Refracted ray) कहते हैं। विरल माध्यम आपतन कोण (Angle of incidence)-आपतित किरण तथा अभिलंब के मध्य में कोण AON को आपतन कोण कहते हैं। इसे ‘i’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। अपवर्तन कोण अपवर्तन कोण (Angle of refraction)-अभिलंब तथा अपवर्तित किरणों के बीच के कोण को अपवर्तन कोण कहते हैं। चित्र में ‘r’ अपवर्तन कोण है। प्रश्न 20. हमें तालाब में नहाने के लिए ध्यान से क्यों उतरना चाहिए? उत्तर-पानी से भरे तालाब में प्रकाश के अपवर्तन के कारण उसका तल कुछ ऊपर उठा प्रतीत होता है। इसलिए उसमें उतरने से पहले हमें उसकी गहराई का पता होना चाहिए। प्रश्न 21. विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करते हुए माध्यम की अधिक सघनता का प्रकाश किरण पर क्या प्रभाव पड़ता है? सचित्र उदाहरण से इसे समझाइए। अथवा अपवर्तन में माध्यम की सघनता का अपवर्तित किरण के झुकाव पर क्या प्रभाव पड़ता है? चित्र द्वारा समझाइए। उत्तर-जब प्रकाश की किरण विरल से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो यह अभिलंब की ओर मुड़ जाती है। माध्यम जितना अधिक सघन होगा, किरण उतनी ही अधिक अभिलंब की ओर मुड़ेगी। आगे दिए गए चित्र में प्रकाश की किरण वायु से पानी में तथा वायु से कांच में प्रवेश करती दिखाई गई है। किरण का झुकाव पानी की अपेक्षा काँच में अधिक है क्योंकि काँच पानी की अपेक्षा अधिक सघन है। प्रश्न 22. ‘उत्तल लैंस‘ किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का साफ़ चित्र भी बनाओ। अथवा उत्तल लैंस (Convex Lens) तथा अवतल लैंस (Concave Lens) की पहचान कैसे करेंगे? उत्तर-उत्तल लैंस-यह मध्य में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है। उत्तल लैंस के रूप-उत्तल लैंस तीन प्रकार के होते हैं-
प्रश्न 23. अवतल लैंस किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है? प्रत्येक का साफ़ चित्र बनाओ। अथवा अवतल लैंस कौन-कौन से प्रकार के हैं? उत्तर-अवतल लैंस-यह लैंस बीच में से पतले तथा किनारों पर मोटे होते हैं और प्रकाश की किरणों को अपसरित करते हैं इसलिए इन्हें अपसारी लैंस भी कहते हैं। इसके तीन रूप होते हैं- अवतल लैंस के रूप–
2 समावतल लैंस (Plano Concave Lens-इसका एक धरातल समतल होता है और और दूसरा अवतल।
————— प्रश्न 24. लैंस द्वारा बने प्रतिबिंब की स्थिति किन किरणों द्वारा ढूंढ़ी जाती है? उत्तर-लैंस द्वारा बने प्रतिबिंब की स्थिति निम्नलिखित किरणों द्वारा ढूंढ़ी जाती है— (1) मुख्य अक्ष के समानांतर आ रही किरण अपवर्तन के पश्चात् लैंस के मुख्य फोकस में से होकर जाती है। (2) प्रकाशीय केंद्र से गुजरने वाली किरण अपने मार्ग से हटे बिना सीधी चली जाती है। (3) मुख्य फोकस से गुजरने वाली किरण अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समानांतर चली जाती है। प्रश्न 25. उत्तल लैंस के क्या लाभ हैं? नेत्र गोलक में किस प्रकार का लैंस होता है? उत्तर-उत्तल लैंस के लाभ-(1) इसको बारीक अक्षर पढने के लिए प्रयोग किया जाता है। (2) हस्त-रेखा विशेषज्ञ इसकी सहायता से हाथ की रेखाओं का अध्ययन करते हैं। (3) इससे घड़ी-साज घड़ी के बारीक पुर्जे देखते हैं। (4) अपराधियों को पकड़ने के लिए इसकी सहायता से अंगूठे तथा अंगुलियों के निशानों की पहचान की जाती है नेत्र गोलक में उभयोत्तल लैंस होता है। प्रश्न 26. वरणात्मक परावर्तन किसे कहते हैं? उत्तर-वरणात्मक परावर्तन (Selective Reflection)-जब श्वेत प्रकाश किसी वस्तु पर पड़ता है, तो श्वेत प्रकाश के सात रंगों में से कुछ रंगों का वस्तु द्वारा अवशोषण (absorption) हो जाता है और कुछ रंगों का परावर्तन (reflection) हो जाता है। इसी क्रिया को वरणात्मक परावर्तन कहते हैं। प्रश्न 27.गोलीय लैंसों के लिए नवीनतम चिहन परिपाटी क्या है? उत्तर-(i) लैंस में सब दूरियाँ उसके प्रकाशीय केंद्र से मापी जाती हैं। (ii) प्रकाश बाईं ओर से दाईं ओर आपतित होता है। (ii) आपतित प्रकाश की दिशा मापी हुई दूरी धनात्मक मानी जाती है और उसके विपरीत दिशा में मापी गई दूरी ऋणात्मक स्वीकार की जाती है। (iv) मुख्य अक्ष के ऊपर मापी गई ऊँचाई धनात्मक होती है और उसके नीचे मापी गई दूरी ऋणात्मक होती है। प्रश्न 28. अवतल लेंस द्वारा बने प्रतिबिंब की प्रकृति, स्थिति और साइज अंकित कीजिए। उत्तर– प्रश्न 29. किरण आरेखों की सहायता से लेंसों से प्रतिबिंब दर्शाइए। उत्तर-किरण आरेखों की सहायता से उतल और अवतल लेंसों से प्रतिबिंब तीन प्रकार से दर्शाए जा सकते हैं।
3.लेंस के प्रकाशिक केंद्र से गुजरने वाली प्रकाश किरण-यह किरण अपवर्तन के पश्चात् बिना किसी विचलन के निर्गत होती है। प्रश्न 30. इंद्रधनुष क्या होता है? यह कब दिखाई देता है? उत्तर-जब वर्षा के बाद आकाश में सात रंगों की बनी हुई एक बहुत ही सुंदर चाप दिखाई देती है, जिसे ‘इंद्रधनुष कहते हैं। ऐसा प्रकाश के विक्षेपण के कारण दिखाई देता है। वर्षा के बाद हवा के अंदर छोटे-छोटे जल कण लटके रह जाते हैं जो प्रिज्म की भाँति कार्य करते हैं। प्रकाश की किरणें जब इनमें से गुज़रती हैं तो सात रंगों में बँट जाती है और यह सात रंग हमें ‘इंद्रधनुष’ के रूप में दिखाई देते हैं। प्रश्न 31. काँच की स्लैब में से गुजरने वाले प्रकाश पुंज के मार्ग को चित्र द्वारा दिखाओ। उत्तर-प्रयोग-एक काँच की स्लैब लेंगे उसके एक ओर एक पिन लगाएंगे। पिन के दूसरी ओर देखेंगे। चित्र के अनुसार ऐसा प्रतीत होगा जैसे कि पिन अपनी स्थिति से कुछ हटी हुई है। प्रश्न 32. पारदर्शक वस्तुओं के रंग का संक्षिप्त वर्णन करें। लाल काँच हमें लाल क्यों दिखाई देता है? उत्तर-पारदर्शक वस्तुओं के रंगों का कारण वर्णात्मक संचरण होता है। पारदर्शक वस्तुओं का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि वे सफ़ेद प्रकाश के किस रंग को अपने में से गुज़र जाने देती है। लाल काँच इसलिए लाल दिखाई देता है क्योंकि वह सफ़ेद प्रकाश के छः रंगों को अवशोषित कर लेता है तथा लाल रंग को अपने में से गुज़र जाने देता है। यह लाल प्रकाश जब हमारी आँख पर पड़ता है तो हमें काँच लाल दिखाई देता है। प्रश्न 33. पानी में डूबी हुई लकड़ी मुड़ी हुई प्रतीत होती है। क्यों? उत्तर-जब पानी में लकड़ी का एक सीधा टुकड़ा डुबोया जाता है तो प्रकाश के अपवर्तन के कारण वह मुड़ा हुआ प्रतीत होता है। जैसे ही प्रकाश की किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में आती हैं वैसे ही वे लंब से परे मुड़ जाती हैं जिस कारण लकड़ी का टुकड़ा मुड़ा हुआ लगता है। प्रश्न 34. शाम को पश्चिम में सूर्य के डूब जाने के बाद भी दो मिनट तक वह दिखायी देता रहता है और सुबह सूर्य के वास्तविक रूप में उदित होने से पहले ही वह दिखाई देने लगता है। क्यों? उत्तर-जब हम पृथ्वी से ऊपर की ओर जाते हैं तो वायु की तहों का घनत्व कम होता जाता है जिससे सूर्य की किरणे अभिलंब की ओर निरंतर मुड़ती चली जाती हैं और तब हमारी आँखों में प्रविष्ट होती हैं इसलिए सूर्य के आकाश में न होने पर भी वह चार मिनट तक हमें दिखायी देता रहता है। प्रश्न 35. वास्तविक और आभासी गहराई के संदर्भ में अपवर्तनांक ज्ञात करो। उत्तर-यह सामान्य ज्ञान है कि पानी की तालाब में गहराई अधिक प्रतीत होती है। उसका तल कुछ ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है। मान लो एक वस्तु तालाब की गहराई में A पर है। एक किरण AB तल से टकरा कर सामान्यत: BD की ओर अपवर्तित हो जाती है। A से एक अन्य किरण C पर आपतन ∠i बना कर अभिलंब की ओर मुड़ जाती है। CE अपवर्तन ∠r बनाती है और आँख तक पहुंचती है। इससे A अपने स्थान पर न रह कर A पर प्रतीत होता है। यदि µ अपवर्तनांक हो तो 1wµa = 1― = ― anw n sin i 1 ― = wna = ― sin r n BC/AC = 1 ― ― BC/A’ n AC या n = ― A’C क्योंकि B और C बहुत निकट हैं ∴ AC लगभग A’B और A’C लगभग A’B के बराबर है। AB वास्तविक गहराई ∴ n = ―― ―――――― AB आभासी गहराई वास्तविक गहराई आभासी गहराई ―――――― n प्रश्न 36. पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) को स्पष्ट कीजिए। (H.P. 2010, Sat-C) उत्तर-मान लो एक वस्तु सघन माध्यम में 0 बिंदु पर है। प्रकाश की एक किरण A से आपतित अभिलंब बना कर [∠i= 0°] बाहर निकल जाती है। एक और किरण A1 से अभिलंब के साथ ∠r बना कर निकलती है। यहाँ ∠r > ∠i है। यदि हर बार ऐसी स्थिति में ∠i बढ़ाया जाए तो ∠r भी बढ़ता जाता है। एक अवस्था ऐसी आती है जहां ∠r= 90° है। सघन माध्यम में आपतन कोण विरल माध्यम के साथ समकोण बनाए, उसे क्रांतिक कोण कहते है। यदि anw = n तब wna =1/n या 1/n = sin C या sin C = 1/n अब यदि ∠i > ∠C तो एक परावर्तन A3B3 की तरह होता है। इसे पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं। इसके लिए प्रकाश को सघन से विरल माध्यम की ओर जाना चाहिए तथा सघन माध्यम में आपतित ∠ को क्रांतिक ∠ से बड़ा होना चाहिए। प्रश्न 37. आवर्धन किसे कहते हैं ? इसे किस प्रकार ज्ञात किया जा सकता है? उत्तर-किसी बिंब के आकार के वस्तु के वास्तविक आकार के अनुपात को आवर्धन कहते हैं। यदि वस्तु की ऊंचाई h1 और उसके बिंब की ऊँचाई h2 हो, तो h2 A1B1 m = ___ = ____ h1 AB प्रश्न 38. किसी लैंस की शक्ति से क्या अभिप्राय है ? इसे किस प्रकार ज्ञात किया जाता है? उत्तर-लैंस की फोकस दूरी की उल्टी स्थिति को लैंस की शक्ति कहते हैं। इसे डियायटर (D) में मापा जाता है। 1 लैंस की शक्ति = ____________________________________________ लैंस की मीटर में फोकस दूरी शिकार 1 P = ___ f जितनी फोकस दूरी कम होगी, उतनी ही लैंस की शक्ति बढ़ती जाएगी। प्रश्न 39. लैंस की क्षमता का मात्रक क्या है? उदाहरण देकर व्याख्या करो। (H.P. 2013, Set-C) उत्तर-लैंस की क्षमता का मात्रक डाइऑप्टर (DIOPTRE) है। इसको ‘D’ द्वारा व्यक्त किया जाता है। यदि फोकस दूरी को मीटर में प्रकट करें तो 1D = 1m-1. प्रश्न 40. किसी रोगी की आंखों का निरीक्षण करने के बाद कोई चश्मा बनाने वाला दोष निवारण करने के लिए, लैंसों का निर्धारण कैसे करता है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर-यदि चश्मा बनाने वाला किसी रोगी की आँखों का निरीक्षण कर उसके दोष के निवारण के लिए +.50M तथा -.40M फोकस दूरी लैंसों को निर्धारण करता है। (i) जिस उत्तल लैंस की फोकस दूरी + 0.50m है, उसकी क्षमता (P) = 1/55 m = + 2D होगी। (ii) जिस अवतल लैंस की फोकस दूरी (f)- 0.40m है, उसकी क्षमता (P) = 1/40 m = – 2.5D होगी। प्रश्न 41. क्या कारण है कि परिदर्शी, द्विनेत्री, चित्र प्रक्षेपी लालटेन तथा रिफलेक्स कैमरों में दर्पणों के स्थान पर पूर्ण परावर्ती प्रिज्मों का उपयोग किया जाता है? उत्तर-पूर्ण आंतरिक परावर्तन में प्रकाश की तीव्रता में कोई विशेष हानि नहीं होती। इसलिए परिदर्शी (पेरिस्कोप), द्विनेत्री (बाइनाक्युलर), चित्र प्रक्षेपी लालटेन तथा रिफलेक्स कैमरों को बनाने में दर्पणों के स्थान पर पूर्ण परावर्ती प्रिज्मों का उपयोग किया जाता है। प्रश्न 42. एक-दूसरे के संपर्क में रखे दो या अधिक पतले लैंसों की क्षमता के विषय में आप क्या जानते है? उत्तर-यदि अनेक पतले लैंस लें और उन्हें एक-दूसरे से जोड़कर रखें तो इस लैंस के संयोजन की कुल क्षमता उन लैंसों की अलग-अलग क्षमताओं के जोड़ के समान होती है। P = P1 + P2 + P3 जहाँ P = संपर्क में रखे सभी लैंसों की कुल क्षमता P1 = पहले लैंस की क्षमता P2 = दूसरे लैंस की क्षमता P3 = तीसरे लैंस की क्षमता प्रश्न 43. लैंसों के संयोजन का लाभ लिखिए। उत्तर-इससे प्रतिबिंब अधिक साफ़ स्पष्ट प्राप्त होते हैं। इसलिए इनका प्रयोग सूक्ष्मदर्शियों, कैमरों, दूरदर्शियों आदि में किया जाता है। प्रश्न 44. रात्रि को रंगीन कपड़ा खरीदने में क्या हानि होती है? उत्तर-रात के कृत्रिम प्रकाश में सूर्य के प्रकाश की अपेक्षा नीला और पीला रंग अधिक होता है। इसलिए बिजली के प्रकाश में हरे, नीले तथा पीले रंग के कपड़ों का रंग बदला हुआ दिखाई देता है। कपड़ा अपने मूल रंग में दिखा नहीं देता। प्रश्न 45. पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्ते लिखिए। उत्तर-(1) प्रकाश की किरणों को सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए। (2) प्रकाश की किरणों के द्वारा सघन माध्यम में बना आपतित कोण क्रांतिक कोण से बड़ा होना चाहिए। प्रश्न 46. पानी से आंशिक भरी परखनली प्रकाश में रखने पर चमकीली प्रतीत होती है। क्यों? उत्तर–पानी से आंशिक भरी परखनली प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण चमकीली प्रतीत होती है। कांच की एक परखनली को पानी से लगभग आधा भरिए। इसे कांच के जल से भरे बीकर में तिरछा रखिए। डूबी हुई परखनली का ऊपरी भाग चमकीली चांदी जैसा प्रतीत होगा, जबकि परखनली का निचला भाग, जिसमें पानी है, धुंधला दिखाई देगा। इसका कारण यह है कि प्रकाश की किरण सघन माध्यम (पानी) से विरल माध्यम (वायु) में परखनली के भीतर जाते समय पूर्ण आंतरिक परावर्तित हो जाती है तथा उसका पृष्ठ चमकीला दिखाई देता है। प्रश्न 47. दो पतले लैंस जिनकी क्षमता +3.5 D तथा –2.5 D है, एक-दूसरे के संपर्क में रखे हैं। इस लैंस संयोजन की क्षमता तथा फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। हल: P1 = +3.5 D P2 =-2.5 D इकट्ठी शक्ति = + 3.5 + (-2.5) = 1D अतः संयोजन शक्ति P = 1D पुनः 1 P = _____ f 1 1 f = ____ = ___ P 1 f = 1 मी० = 100 सेमी० प्रश्न 48. अभिलंबवत् आपतन के लिए आपतन कोण (∠i) तथा परावर्तन कोण (∠r) के मान क्या होते हैं? हल : अभिलंब आपतित किरण के लिए आपतन (∠i) 0° होगा। ∴ ∠i = 0 ∴ परावर्तन ∠r= 0 [∵∠i = ∠r] प्रश्न 49. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32 cm है। हल : उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या, r = 32 सेमी० R 32 f=_____ =____ 16 सेमी० 2 2 प्रश्न 50. कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm दूरी पर रखी किसी वस्तु का आकार में तीन गुना आवर्धित वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब कहां बनेगा, पता लगाइए? हल: u= – 10 सेमी० [∵ ॥ सदा ऋणात्मक होता है। v= ? m =-3(वास्तविक प्रतिबिंब) v m = ___ u -v – 3 = ( ___) 10 V = -30 सेमी० प्रतिबिंब वस्तु की ही दिशा में दर्पण से 30 सेमी० दूर बनेगा। प्रश्न 51. समतल दर्पण के लिए आवर्धन, m = +1 के लिए समीकरण का अवलोकन करिए। इसमें (a) m = 1 तथा (b) m का धनात्मक चिह्न होना क्या दर्शाता है? -v h2 हल: m =___ = ___ u h1 (क) आवर्धन 1 इस बात को प्रकट करता है कि h2 = h1 प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होगा। (ख) ऋणात्मक चिह्न इस बात को प्रदर्शित करता है कि प्रतिबिंब आभासी और सीधा होगा। प्रश्न 52. हम 20 cm फोकस दूरी के किसी पतले उत्तल लैंस द्वारा किसी वस्तु का वास्तविक, उल्टा तथा आकार में उस वस्तु के बराबर प्रतिबिंब प्राप्त करना चाहते हैं। वस्तु को कहां रखना चाहिए? इस प्रकरण में प्रतिबिंब बनना दर्शाने के लिए प्रकाश किरण-आरेख खींचिए। उत्तर-जब 20 सेमी फोकस दूरी के उत्तल लैंस की सहायता से वास्तविक, सीधा और समान आकार का प्रतिबिंब प्राप्त करना चाहते हैं तब वस्तु को 2F पर रखा जाता है। उसका प्रतिबिंब भी दूसरी 2F पर बनता है। वस्तु को (2x 20) = 40 सेमी दूर रखा जाना चाहिए ताकि समान आकार का प्रतिबिंब लैंस की दूसरी ओर प्राप्त हो सके। प्रश्न 53. कोई उत्तल लैंस किसी सूई का उस लैंस से 50 cm दूर वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब बनाता है। यह सूई उत्तल लैंस के सामने कहां रखी है कि इसका प्रतिबिंब उसी आकार का बन रहा है जिस आकार की वस्तु है? लैंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए। हल : उत्तल लैंस से सूई का समान और उल्टा प्रतिबिंब बनता है जो 50 सेमी० दूर है। इसलिए वस्तु और प्रतिबिंब 2f पर होंगे। अतः सूई को 50 सेमी० दूर रखा गया होगा। 2f = 50 ∴ f = 25 सेमी० = 0.25 मी० 1 1 लैंस की शक्ति P = ___ = ___ मी० f -2 P= 4D प्रश्न 54. 2m फोकस की दूरी वाले किसी अवतल लैंस की क्षमता ज्ञात कीजिए। हल : f= – 2 मी० 1 1 शक्ति P = ____= ___ F -2 P=-0.5D प्रश्न 55. किसी लैंस की क्षमता को किस यंत्र के द्वारा मापा जाता है? उत्तर-किसी लैंस की क्षमता (P) को सीधा ही लैंसमापी के डॉयल पर रखकर मापा जा सकता है। लैंसमापी को हम ‘डाइऑप्टरमीटर’ भी कहते हैं। चश्मा बनाने वाले चश्मे के लैंस की क्षमता निर्धारण के लिए इसी यंत्र का प्रयोग करते हैं। प्रश्न 56. हज़ामत बनाने के लिए किस तरह के दर्पण का प्रयोग किया जाता है और क्यों? उत्तर-हजामत बनाने के लिए ‘अवतल दर्पण’ का प्रयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि जब चेहरा अवतल दर्पण के ध्रुव (P) तथा फोकस (F) के बीच होता है तो दर्पण में चेहरे का बड़ा, सीधा तथा आभासी प्रतिबिंब बनता है। प्रश्न 57. टेलीविज़न में रंगीन प्रतिबिंबों को बनाने में किस तकनीक का प्रयोग किया जाता है? उत्तर-लाल, नीले तथा हरे तीनों प्राथमिक वर्णों को विभिन्न अनुपात में मिलाने से वर्गों के सभी स्पेक्ट्रम प्राप्त हो जाते हैं। इसी तकनीक का प्रयोग, टेलीविज़न में रंगीन प्रतिबिंबों को बनाने में किया जाता है। प्रश्न 58. कुछ महत्त्वपूर्ण द्रव्यात्मक माध्यमों के निरपेक्ष अपवर्तनांक लिखिए। उत्तर–
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions) प्रश्न 1. प्रकाश को ऊर्जा का स्रोत क्यों माना जाता है? उत्तर-प्रकाश स्वयं दिखाई दिए बिना विभिन्न काम करने की क्षमता प्रदान करता है इसलिए उसे ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। प्रश्न 2. क्या प्रकाश को आँखों से देखा जा सकता है? उत्तर-नहीं, प्रकाश की उपस्थिति में अन्य वस्तुओं को देखा जा सकता है। प्रश्न 3. आँख की तुलना किससे की जाती है? उत्तर-आँख की तुलना कैमरे और दूरबीन से की जाती है। प्रश्न 4. जब प्रकाश किसी माध्यम से गुज़र दूसरे माध्यम में प्रविष्ट होता है तो उसके साथ क्या-क्या होता? उत्तर- प्रकाश के कुछ भाग का परावर्तन होता है, कुछ का अपवर्तन होता है और शेष अवशोषित हो जाता है। प्रश्न 5. पौधे प्रकाश का क्या उपयोग करते हैं? उत्तर-पौधे प्रकाश-संश्लेषण से अपना भोजन तैयार करते हैं। प्रश्न 6. सूर्य के प्रकाश से मानवीय शरीर को क्या लाभ है? उत्तर-सूर्य के प्रकाश से हमारा शरीर विटामिन D बनाता है जिससे हमारी हड्डियां स्वास्थ्य प्राप्त करती हैं। प्रश्न 7. प्रकाश के कृत्रिम स्त्रोतों के उदाहरण लिखिए। उत्तर-बिजली के बल्ब, ट्यूबें, मोमबत्ती आदि। प्रश्न 8. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं? (H.P. 2009, Set-B, 2015) उत्तर-किसी चमकीले तल से प्रकाश की किरणों के टकराकर वापिस लौटने को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं। प्रश्न 9. आपतित किरण किसे कहते हैं? (H.P. 2010, Set-A) उत्तर-प्रकाश की वह किरण जो चमकीले दर्पण से टकराती है उसे आपतित किरण कहते हैं। प्रश्न 10. परावर्तित किरण किसे कहते हैं? उत्तर-परावर्तन के पश्चात् जो किरण चमकीले तल से वापिस लौटती है उसे परावर्तित किरण कहते हैं। प्रश्न 11. प्रकाश के परावर्तन के दो नियम लिखो। (H.P. 2009, Set A) उत्तर-(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलंब एक ही तल पर मिलते हैं। (ii) आपतन कोण और परावर्तन कोण बराबर होते हैं। प्रश्न 12. प्रकाश का परावर्तन कितने प्रकार का होता है? उत्तर-प्रकाश का परावर्तन दो प्रकार का होता है-नियमित परावर्तन और अनियमित परावर्तन। प्रश्न 13. अनियमित परावर्तन का एक उपयोग लिखिए। उत्तर-सिनेमा हाल में स्क्रीन असमतल बनाई जाती है ताकि उस पर पड़ने वाली प्रकाश की किरणें समान रूप सब दिशाओं में बिखरें और सभी को ठीक दिखाई दे। प्रश्न 14. नियमित और अनियमित प्रकाश-परावर्तन को रेखांकन से प्रदर्शित कीजिए। उत्तर–
प्रश्न 15. समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब की विशेषताएं लिखिए। उत्तर-समतल दर्पण के सामने जितनी दूरी पर कोई वस्तु हो उसका बिंब उतना ही पीछे बनता है। समतल दर्पण में किसी वस्तु के पूरे बिंब को देखने के लिए दर्पण का आकार में उससे आधा होना आवश्यक होता है। प्रश्न 16. गोलीय दर्पण किसे कहते हैं? उत्तर-गोलीय दर्पण किसी चमकीले गोले का कटा हुआ भाग होता है जो अंदर या बाहर से प्रकाश का परावर्तन कर सकता हो। प्रश्न 17. गोलीय दर्पण कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर-गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-उत्तल और अवतल। प्रश्न 18. रेखांकन की सहायता से उत्तल और अवतल दर्पण के प्रमुख स्थानों को स्पष्ट कीजिए। उत्तर– प्रश्न 19. किसी गोलीय दर्पण के वक्रता त्रिज्या और फोकस दूरी में क्या संबंध होता है? (H.P. 2011, Set-C) r उत्तर- f = ___ या r = 2f 2 प्रश्न 20. अवतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब की प्रमुख विशेषता क्या है? उत्तर-अवतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब वास्तविक और आभासी होते हैं। प्रश्न 21. दर्पण सूत्र लिखिए। (H.P. 2009, Set A, 2010, Set-A, 2011, Set-A) 1 1 1 उत्तर- ___ = ___ + ____ f u v प्रश्न 22. गोलीय दर्पणों की अवस्था में मान्य चिहन परंपरा लिखिए। उत्तर-(i) प्रकाश का आयतन बाईं से दाईं ओर होता है। (ii) सभी दूरियां दर्पण के ध्रुव से मापी जाती हैं। प्रश्न 23. जिस दर्पण की फोकल दूरी –15 सेमी० हो उसकी प्रकृति कैसी होगी? उत्तर-यह दर्पण अवतल होगा जिसकी वक्रता त्रिज्या –30 सेमी० होगी। प्रश्न 24. एक दर्पण का आवर्धन 0.4 है। यह दर्पण किस प्रकार का होगा? इसका बिंब कैसा बनेगा? उत्तर-यह दर्पण उत्तल होगा क्योंकि इसका आवर्धन धनात्मक है और वह 1 से कम है। बिंब छोटा और सीधा बनेगा। प्रश्न 25. एक किरण लांबिक रूप से दर्पण से टकराती है। इसका आपतन कोण क्या होगा? उत्तर-इसका आपतन कोण शून्य होगा। प्रश्न 26. प्रकाश की किरण का पारदर्शी माध्यम में विचलन दर्शाइए। उत्तर– प्रश्न 27. प्रकाश की किरण जब एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो विचलित हो जाती है। इस क्रिया को क्या कहते हैं? उत्तर-प्रकाश का अपवर्तन। प्रश्न 28. जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो अभिलंब के किस ओर झुकती है? उत्तर-ऐसी प्रकाश की किरण अभिलंब से दूर झुक जाती है। प्रश्न 29. जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है, तो अभिलंब के किस ओर झुकती है? उत्तर-प्रकाश की किरण अभिलंब की ओर झुक जाती है। प्रश्न 30. जब प्रकाश विरल से सघन माध्यम में जाता है, तो अपवर्तन कोण तथा आपतन कोण में से कौन सा बड़ा होता है? उत्तर-आपतन कोण। प्रश्न 31. बारीक अक्षरों वाली पुस्तक पढ़ने के लिए कौन-से लैंस का उपयोग करते हैं? उत्तर-उत्तल लैंस। प्रश्न 32. उत्तल लैंस द्वारा दूर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब कैसा बनता है? उत्तर-वास्तविक, उल्टा तथा छोटा। प्रश्न 33. कौन-सा दर्पण सीधा और अपवर्धित बिंब बनाता है? (H.P. 2009, Set-C) उत्तर-अवतल दर्पण। प्रश्न 34. पानी में रखा सिक्का उठा हुआ क्यों दिखाई देता है? उत्तर-प्रकाश अपवर्तन के कारण। प्रश्न 35. प्रकाशीय केंद्र की विशेषता बताओ। उत्तर-इसमें से प्रकाश किरणें सीधी निकल जाती हैं। प्रश्न 36. अभिसारी किरणें किन्हें कहते हैं? उत्तर- जो किरणे एक बिंदु पर मिलती हैं। प्रश्न 37. अपसारी किरणें किन्हें कहते हैं? उत्तर-जो किरणें एक बिंदु पर फैलती हैं। प्रश्न 38. मुख्य फोकस और प्रकाशीय केंद्र के बीच की दूरी को क्या कहते हैं? उत्तर-फोकस दूरी (f)। प्रश्न 39. किस स्थिति में प्रतिबिंब वस्तु के आकार के समान होता है? उत्तर-जब वस्तु 2f पर हो। प्रश्न 40. उत्तल लैंस से आभासी तथा बडा प्रतिबिंब कब बनता है? उत्तर-जब वस्तु मुख्य फोकस तथा प्रकाशीय केंद्र के बीच हो। प्रश्न 41. जब वस्तु लैंस से अनंत दूरी पर हो तो प्रतिबिंब कैसा बनता है? उत्तर-वास्तविक, उल्टा तथा आकार में वस्तु से छोटा होता है। प्रश्न 42. जब वस्तु लैंस के 2F पर हो, तो प्रतिबिंब कहाँ पर बनता है? उत्तर-प्रतिबिंब लैंस के दूसरी ओर 2F पर ही बनता है। प्रश्न 43. जब वस्तु लैंस के फोकस और प्रकाश केंद्र के मध्य हो, तो प्रतिबिंब कैसा बनता है? उत्तर-प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु से बड़ा बनता है। प्रश्न 44. जब वस्तु F और प्रकाशीय केंद्र के बीच में हो, तो उत्तल लैंस द्वारा बनाया गया बिंब कहाँ और कैसा बनेगा? उत्तर-उत्तल लैंस के F और प्रकाशीय केंद्र के बीच रखी वस्तु का प्रतिबिंब वस्तु की ओर काल्पनिक और सीधा बनेगा। प्रश्न 45. जब वस्तु लैंस के F और 2F के मध्य हो, तो प्रतिबिंब कैसा बनता है? उत्तर-वास्तविक, उल्टा और वस्तु से बड़ा बनता है। प्रश्न 46. क्या कोई ऐसा प्रकाश है जिसमें मनुष्य नहीं देख सकता है? उत्तर-अवरक्त तथा पराबैंगनी प्रकाश। प्रश्न 47. आवर्धक लैंस किसे कहा जाता है? उत्तर-साधारण सूक्ष्मदर्शी को आवर्धक लैंस कहते हैं। प्रश्न 48. लैंस किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर-एक ऐसा पारदर्शक माध्यम जो दो वक्र तलों से घिरा हुआ हो। ये दो प्रकार के होते हैं-(1) उत्तल लैंस (2) अवतल लैंस। प्रश्न 49. आपतन कोण, निर्गत कोण, विचलन कोण तथा प्रिज्म कोण में क्या संबंध है? उत्तर-आपतन कोण + निर्गत कोण = प्रिज्म कोण + विचलन कोण ∠e + ∠i = ∠A + ∠D प्रश्न 50. प्रकाश के किस रंग का विचलन सबसे कम तथा किस रंग का विचलन सबसे अधिक होता है? उत्तर-प्रकाश के लाल रंग का विचलन सबसे कम और बैंगनी रंग का विचलन सबसे अधिक होता है। प्रश्न 51. लैस से दूरियाँ किस बिंदु पर मापी जाती हैं? उत्तर-प्रकाशीय केंद्र से। प्रश्न 52. अपवर्तनांक किसके समान होता है? इसे कैसे प्रदर्शित किया जाता है? (H.P. 2009, Set C) sin i उत्तर-अपवर्तनांक = μ ____ sine r अपवर्तनांक = μ (म्यू) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। प्रश्न 53. क्या होता है जब प्रकाश की किरण हवा से पानी में प्रवेश करती है? उत्तर-जब प्रकाश की किरण हवा (विरल माध्यम) से पानी (सघन माध्यम) में प्रवेश करती है, तो यह अभिलंब की ओर मुड जाती है। इसलिए अपवर्तित कोण, आपाती कोण से छोटा होता है। प्रश्न 54. बहुत बारीक सिलाई-कढ़ाई के लिए किस लैंस का प्रयोग करोगे? उत्तर-उत्तल लैंस का। प्रश्न 55. किस लैंस को अभिसारी लैंस कहते हैं? उत्तर-उत्तल लैंस को। प्रश्न 56. प्रकाश के अपवर्तन के दैनिक जीवन में चार प्रभाव लिखिए। उत्तर-(i) पानी में डूबा सिक्का/पत्थर ऊपर की ओर उठा हुआ दिखाई देना। (ii) पानी में डूबी लकड़ी टेड़ी दिखाई देना। (iii) तारों का टिमटिमाना। (iv) रेगिस्तानों में मृगतृष्णा दिखाई देना। प्रश्न 57. अपवर्तनांक के द्वारा कौन-सा नियम सिद्ध होता है? (H.P. 2009, Set-C) उत्तर-स्नेल का द्वितीय नियम (Snell’s Second Law)। प्रश्न 58. अपवर्तनांक का प्रकाश के वेग से क्या संबंध है? निर्वात या वायु में प्रकाश का वेग उत्तर– अपवर्तनांक =_________________________________________ माध्यम में प्रकाश का वेग प्रश्न 59. वायु, जल, हीरा, काँच और बर्फ़ का अपवर्तनांक लिखिए। (H.P. 2010, Set-A, B, 2011 Set-A, B,C, 2014 Set-A, B) उत्तर-वायु = 1.0003, जल = 1.33, हीरा = 2.42, काँच = 1.5, बर्फ़ = 1.31 प्रश्न 60. लैंस सूत्र लिखिए। (H.P. 2009, Set-B, 2010, Set-A, 2011, Set-B, 2014 Set-A, C) 1 1 1 उत्तर- ___ = ___ + ____ f u v प्रश्न 61. किसी लैंस की शक्ति से क्या अर्थ है? (H.P. 2013, Set-A) उत्तर-किसी लैंस की शक्ति इसकी फोकस दूरी की व्युत्क्रम होती है। 1 P ___ f प्रश्न 62. बिना शक्ति के चश्मे (Plane Glasses) की फोकस दूरी कितनी होती है? 1 उत्तर- P ___ F 1 P ___ = ∞ 0 ∴ अनंत फोकस दूरी प्रश्न 63. क्या जलीय लैंस बन सकता है? उत्तर-हाँ, जलीय लैंस बन सकता है। बहुत पतले पारदर्शी गुब्बारे में पानी भर कर इसे बनाया जा सकता है। प्रश्न 64. पानी में डुबोने से काँच के लैंस पर क्या प्रभाव पड़ेगा? उत्तर-पानी में डुबोने से काँच के लैंस की फोकस दूरी बढ़ जाएगी और उसकी शक्ति कम हो जाएगी। प्रश्न 65. किस लैंस को अपसारी लैंस कहते हैं? उत्तर-अवतल लैंस को। प्रश्न 66. विचलन कोण (angle of deviation) क्या है? उत्तर-निर्गत किरण (emergent ray) बनाने में आपतित किरण (incident ray) जिस कोण पर मुड़ जाती है. उस कोण को विचलन कोण (angle of deviation) कहा जाता है। प्रश्न 67. किस कारण से हमें सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का गोला चपटा दिखाई देता है? उत्तर-वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण। प्रश्न 68. दीवारों पर सफेदी कराते हुए ‘नील‘ क्यों मिलाया जाता है? उत्तर-समय बीतने के साथ दीवारें पीली पड़ जाती हैं। पीला और नीला पूरक रंग हैं इसलिए चूने में नील मिलान पर दीवारें सफ़ेद दिखती हैं। प्रश्न 69. पीछे का टैफिक देखने के लिए उत्तल दर्पण के लाभ तथा हानियाँ क्या हैं? उत्तर-लाभ-समतल दर्पण की अपेक्षा उत्तल दर्पण से पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र का दृश्य देखा जा सकता है। हानियाँ-उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब सदैव शीर्ष (Pole) और फोकस के बीच में बनता है इसलिए पीछे के ट्रैफिक की दूरी और गति का ज्ञान नहीं होता। प्रश्न 70. ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते? उत्तर-ग्रह तारों से बड़े दिखाई देते हैं। इसलिए ग्रहों को हजारों बिंदु जितने छोटे प्रकाश के स्रोतों का समूह माना जाता है। इसलिए वे टिमटिमाने के परिणाम को विफल कर देते हैं। प्रश्न 71. वायुमंडलीय अपवर्तन का सूर्योदय और सूर्यास्त पर क्या प्रभाव है? उत्तर-वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण सूर्य वास्तव में उदय होने से 2 मिनट पहले दिखाई दे जाता है और सूर्यास्त के 2 मिनट बाद तक दिखाई देता है। प्रश्न 72. निर्गत में प्रकाश की चाल क्या है? (H.P. 2013 Set-B) उत्तर-3×108 ms-1 प्रश्न 73. मूल रंग कौन से हैं? उत्तर-लाल, हरा, नीला। बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Questions)
(A) फाइबर आप्टिक (B) चुंबक (C) प्लास्टिक (D) लोहे की। 1 1 1 1 1 1 (A) ___ __ ___ = ___ (B) ___ __ ___ = ___ v u f u v f 1 1 1 (A) ___ + ___ = ___ (D) उपरोक्त सभी। v u f
3 4 (A) ___ (B) ___ 2 6 9 12 (C) ___ (D) ___ 8 16
(A) 3 x 108 mn/sec (B) 3x 108 m/s (C) 3 x 108 km/nm (D) 3x 108m/mn. 1 1 1 1 1 1 (A) ___ __ ___ = ___ (B) ___ __ ___ = ___ v u f u v f 1 1 1 (A) ___ + ___ = ___ (D) उपरोक्त सभी। v u f
(A) उत्तल (B) अवतल (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
(A) लाल (B) नीला (C) हरा (D) सफ़ेद।
(A) परावर्तन (B) अपवर्तन (C) विक्षेपण (D) वर्णात्मक संचरण।
(A) 20 cm (B) 10 cm (C) 15 cm (D) 3 cm.
(A) P = 4f (B) P = 2f 1 1 (C) ___ (D)P ___ 2f f
(A) जल (B) प्लास्टिक (C) मिट्टी (D) काँच।
(A) h2 = h1 (B) h2 = 2h1 (C) 2h2 = h1 (D) h2 = √9h1
(A) C से परे (B) F पर (C) अनंत पर (D) दर्पण के पीछे।
(A) वास्तविक प्रतिबिंब (B) आभासी प्रतिबिंब (C) उपरोक्त दोनों (D) कोई नहीं।
(A) एक से कम (B) एक से अधिक (C) एक के बराबर (D) वस्तु की स्थिति के अनुसार एक से कम या अधिक।
(A) अवतल दर्पण (B) उत्तल दर्पण (C) समतल दर्पण (D) अवतल और समतल दर्पणों के द्वारा।
19. प्रकाश किरण A माध्यम से B माध्यम से गुज़रती है B माध्यम का A माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनाक होगा– √3 √2 (A) ___ (B) ___ √2 √3 √1 (C) ___ (D) √2 √2
(A) -30 सेंमी० (B) -20 सेंमी० (C) -40 सेंमी० (D) -60 सेंमी०।
(A) केरोसिन (B) जल (C) सरसों का तेल (D) ग्लिसरीन।
(A) परावर्तक के ध्रुव और फोकस के बीच (B) परावर्तक के फोकस के बहुत निकट (C) परावर्तक के फोकस और वक्रता केंद्र के बीच (D) परावर्तक के वक्रता केंद्र पर।
(i) आभासी प्रतिबिंब दर्पण के …………… बनते हैं। (ii) समतल दर्पण के द्वारा बने प्रतिबिंब वस्तु के आकार के …………. होता है। (iii) प्रकाश की किरणें जब प्रिज्म में से गुज़रती हैं तो सात रंगों में बँट जाती हैं और यह सात रंग हमें ………. के रूप में दिखाई देते हैं। (iv) ठंड़े प्रदेशों में धरती के तल के निकट बहुत ठंड होती है अत: वायु में …………. होती है। (v) ………….. एक यंत्र है, जिसके द्वारा हम अपने में छिपी हुई वस्तुओं को देख सकते हैं। (vi) विक्षेपण द्वारा रंगों की जो पट्टी प्राप्त होती है, उसे ………….. कहते हैं। (vii) ……… समतल फलकों से बना पारदर्शक माध्यम प्रिज्म कहलाता है। (viii) लैंस की क्षमता का मात्रक ………… है।
(i) लैंस की क्षमता (i) 1.0003 (ii) पूर्ण परावर्ती प्रिज्म (ii) संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (iii) वायु (iii) पीला तथा जामुनी (iv) फोकस दूरी,f (iv) रिफ्लेक्स कैमरे (v) सूक्ष्म वस्तुओं को देखने का यंत्र (v) अभिसारी लैंस (vi) द्वितीयक रंग (vi) उत्तल लैंस (vii) फोटोग्राफिक कैमरा (vii) बैंगनी (viii) उत्तल लैंस (viii) 1/फोक्स दूरी (ix) सबसे अधिक विचलन (ix) R/2
(i) वायु मंडलीय अपवर्तन के कारण सूर्य वास्तव में उदय होने से दो मिनट बाद दिखाई दे जाता है। (ii) लैंस की दूरियाँ प्रकाशीय केंद्र से मापी जाती हैं। (iii) लाल और नीले काँच को मिलाकर श्वेत प्रव्याश में देखने पर काला दिखाई देखा। (iv) उत्तल लैंस को अपसारी लैंस भी कहते हैं। (v) बर्फ़ का अपवर्तनांक 1.3 होता है। (vi) सफ़ेद प्रकाश को प्रिज्म में से गुज़रने पर नौ रंगों में विभाजित होना प्रकाश का विक्षेपण कहलाता है। (vii) आँख में अंध बिंदु पर प्रकाश पड़ने की संवेदना नहीं होती है। (viii) इंद्रधनुष बरसात के मौसम में दिखाई देता है। (ix) आँख में अवतल लैंस होता है। उत्तर–
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